आज 1 लाख से भी अधिक महिलाएँ हर साल गर्भग्रीवा के कैंसर (cervical cancer) से पीड़ित हो रही हैं। हमारे देश में केवल मुंबई और दिल्ली ही इस कैंसर से मुक्त शहर माने जा सकते हैं जबकि यह पूरे देश में फैल रहा है।
कॉल्कोस्कोपी (Calcoscopy) एक ऐसा हथियार है जो इस बीमारी पर काबू पाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस उपकरण से गर्भग्रीवा के मुख के हिस्से को 40 गुना अधिक बड़ा करके देखा जा सकता है। यह जाँच कुल 15 मिनटों में संपन्ना की जा सकती है। इसके अलावा रिपोर्ट भी तत्काल हासिल की जा सकती है। मरीज को न तो कोई परेशानी होती है और न दर्द होता है।
पेप स्मियर टेस्ट (Pep Smear Test) भी इसी तरह का एक दूसरा टेस्ट है जो गर्भग्रीवा के कैंसर को शुरुआती अवस्था में पकड़ सकता है। शरीर के इस हिस्से से द्रव लेकर बनाई गई स्लाइड स, बायोप्सी से अथवा कॉल्कोस्कोपी से इस बीमारी की पुख्ता जाँच संभव है। 35 साल की उम्र के बादहर महिला का साल में एक बार यह टेस्ट किया जा सकता है।
यदि कॉल्कोस्कोपी अथवा पेपस्मियर से गर्भग्रीवा के कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो एलईईपी (LEEP=Loop Electrosurgical Excision Procedure) जैसा कोई छोटा ऑपरेशन भी किया जा सकता है। इससे पूरा गर्भाशय निकालने की जरूरत नहीं होती।
Saturday, August 2, 2008
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