Friday, August 1, 2008

वर्षा जल वृक्षों के लिए औषधि

'वृक्ष मित्र' के नाम से पहचाने जाने वाले नाहरगढ़ जैविक उद्यान में सहायक वनपाल के पद पर कार्यरत भौरीलाल सैनी का कहना है कि वर्षा जल वृक्षों के लिए औषधि का काम करती है। इसके साथ वर्षा जल से बीमार वृक्षों पर रक्त जैसा कार्य करती है। सैनी ने बताया कि ग्रीष्मकालीन समय में अमूमन वृक्षों की शक्ति कमजोर हो जाती है जिसके कारण कई किस्म के जीव इनके दुश्मन बन जाते है, जो जड़ों से लेकर पत्तों तथा टहनियों तक को अपना शिकार बना लेते है जिससे वृक्ष खोखले हो जाते है। उसके बाद मानसून के समय चलने वाली आंधियों के कारण धराशायी हो जाती है। सैनी ने बताया कि वृक्षों का सबसे बड़ा दुश्मन दीमक है जो वृक्षों की जड़ों की नमी खत्म कर उसमें अपना आशियाना बना लेता है। दूसरी तरफ अमर बेल है जो वृक्षों का विकास रोक देती है और समूचे वृक्ष पर चादर की तरह लिपटकर उसका दम घोट देती है और उसका पोषक तत्व खींचकर वृक्ष को मौत के घाट उतार देता है। अमर बेल का यूं तो कोई बीज नहीं है, पर वह सूखकर हवा के प्रभाव से एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष पर पहुंचकर अन्य वृक्षों को अपने चपेट में ले लेती है।

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