Saturday, July 26, 2008

अवसर कभी समाप्त नहीं होते : बिल गेट्स

हाल ही में बिल गेट्स ने एक हाईस्कूल में भाषण देते हुए बच्चों को बताया था कि स्कूल में वे इन 11 चीजों पर ध्यान दें। उन्होंने इस बारे में बातचीत की कि कैसे अच्छा महसूस किया जाता है। राजनीतिक रूप से परिष्कृत शिक्षण किस तरह ऐसे बच्चों की पीढ़ी का सृजन करताहै जिसमें वास्तविकता की कोई अवधारणा नहीं होती है तथा किस तरह यह अवधारणा उन्हें वास्तविक जगत में असफल बनाती है।



नियम 1 : जीवन अच्छा नहीं है, इसका इस्तेमाल करो

नियम 2 : दुनिया आपके आत्मसम्मान की परवाह नहीं करेगी। दुनिया आपसे यह अपेक्षा करेगी कि आप अपने बारे कुछ अच्छा महसूस करने के पहले कुछ हासिल करें।

नियम 3 : आप सीधे हाईस्कूल से निकलकर हर साल 60 हजार डॉलर नहीं बना पाएँगे। आप तब तक कार और फोन की सुविधा प्राप्त किसी कंपनी के उपाध्यक्ष नहीं होंगे, जब तक कि आप उस ओहदे को खुद हासिल नहीं कर लेते।

नियम 4 : यदि आप सोचते हैं कि आपके शिक्षक सख्त हैं तो आप ऐसा सोचने के लिए बॉस बनने तक की प्रतीक्षा करें।

नियम 5 : फूला हुआ बर्गर आपकी प्रतिष्ठा से नीचे नहीं है। आपके पितामह बर्गर लिपिंग के लिए कोई दूसरा शब्द चुनते थे। शायद वह इसे अवसर कहते थे।

नियम 6 : यदि आप मिलनसार नहीं हैं तो यह माता-पिता का दोष नहीं है, इसलिए अपनी गलतियों के लिए चिल्लपो न मचाएँ। उनसे सबक सीखें।

नियम 7 : आपके जन्म से पूर्व आपके माता-पिता उतने उबाऊ नहीं थे जितने कि वे अब आपको ऊबाऊ लगते हैं। वे आपके बिलों का भुगतान करते हुए, आपके कपड़े धोते हुए और आपके बारे में सुनते हुए इस स्थिति तक पहुँचे हैं इसलिए अपने माता-पिता का प्यार पाने के लिए ऐसा करें- अपने कमरे की कुंडी खुली रखें।

नियम 8 : आपके जीवन में आपने हार-जीत के दर्शन किए होंगे, लेकिन जीवन में हार किसी को स्वीकार नहीं होती है। कुछ स्कूलों में फेल होने की ग्रेड ही समाप्त कर दी है गई है तथा उन्होंने कई बार आपको आपकी इच्छानुसार सही उत्तर दिया होगा। लेकिन जिंदगी में ग्रेस पास या सप्लीमेंट्री की कोई गुंजाइश नहीं है। इसलिए हमेशा सफलता को ही ध्येय बनाएँ।

नियम 9 : जीवन सेमिस्टर में नहीं बँटा होता है। आपको यहाँ गर्मी की छुट्टियाँ भी नहीं मिलती हैं तथा कुछ ही नियोक्ता अपने आपको खोजने में मददगार साबित होते हैं इसलिए अपना आत्मविश्वास स्वयं हासिल करें।

नियम 10 : टेलीविजन वास्तविक जीवन नहीं है। वास्तविक जीवन में लोगों को काफी शॉप छोड़कर काम करने जाना होता है।

नियम 11 : अवसर कभी समाप्त नहीं होते। आप एक अवसर गँवाते हैं तो दूसरा आपके सामने होता है।

Courtesy; webdunia

Friday, July 25, 2008

37 हजार से अधिक गांवों को इसी वर्ष बिजली

राज्य के 37 हजार 391 गांवों को विद्युतीकृत करने का काम इस वित्त वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। यह निर्णय तीनों विद्युत वितरण निगमों के नवगठित कोर्डिनेशन फोरम की बैठक में किया गया है। बैठक की अध्यक्षता वितरण निगमों के अध्यक्ष आरजी गुप्ता ने की जिसमें अजमेर के प्रबंध निदेशक पीएस जाट के अलावा सभी जोनल चीफ इंजीनियर व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत ग्यारहवीं योजना में राजस्थान में 14 नई योजनाएं प्रारंभ की गई है। इससे पहले भी 25 योजनाओं पर काम चल रहा है। सभी 39 योजनाओं में 3787 गांवों में बिजली पहुंचाई जानी है, वहीं 33 हजार 604 गांवों में विद्युतीकरण के अधूरे काम को पूरा किया जाना है। इस काम को पूरा करने पर 1081 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च होंगे। गांवों के अतिरिक्त इस कार्यक्रम के तहत 6518 ढाणियों में भी घरेलू बिजली पहुंचाने का काम हाथ में लिया गया है। प्रदेश के 33 हजार से अधिक गांवों में बिजली तो पहुंच चुकी है लेकिन नए मानदंडों के अनुसार इनमें दस प्रतिशत से कम घरों में ही कनेक्शन दिए जा सके है। अब वितरण निगम नए मानदंडों के अनुसार कम से कम दस प्रतिशत घरों को प्रकाश पहुंचाने के लिए आवश्यक वितरण पत्र बिछाकर कनेक्शन देने में लग गए है, जिससे ये गांव भी विद्युतीकरण की नई श्रेणी में आ जाएं। इस योजना के तहत जून, 2008 के अंत तक 1631 नए और 9 हजार 626 पुराने गांवों को विद्युतीकृत कर दिया गया है।

राज्य के दो वैज्ञानिक दुबई जाएंगे

यूनाईटेड अरब अमीरात (दुबई) सरकार के आग्रह पर उष्ट्र अनुसंधान संस्थान (एनआरसीसी) के निदेशक डॉ. केएमएल पाठक, संस्थान के एक अन्य वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र शर्मा के साथ 22 जुलाई 2008 को दुबई रवाना होंगे। वहां वे 31 जुलाई तक रहेगे और ऊंटों से संगबंधित बीमारी का पता लगाएंगे।

डॉ. पाठक ने बताया कि पिछले काफी समय से दुबई में बड़ी तादाद में ऊंटों के मरने की सूचना उन्हे ई-मेल से दी गई है और यह भी बताया गया कि ऊंट किसी बीमारी से पीड़ित है। डॉ. पाठक ने वहां के वैज्ञानिकों से गहन विचार-विमर्श कर तात्कालिक तौर पर उन्हे बीमारी का निदान बताया। इससे कुछ हद तक दुबई में ऊंटों के मरने की रफ्तार पर रोक लगी। इस बीमारी से ऊंटों के कारगर इलाज के लिए इन्हे वहां आमंत्रित किया गया है।

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की अनुमति के बाद वे 22 जुलाई को दुबई जा रहे है। वहां वे मरे हुए ऊंटों का पोस्टमार्टम करेगे और उपचार की विधि पर सलाह देंगे। इनके आने-जाने का सारा खर्चा यूनाईटेड अरब अमीरात (दुबई) वहन करेगा।

खाला निर्माण , 850 करोड़ की योजना केंद्र को भेजी

राज्य सरकार ने बुधवार को केंद्र को गंगनहर परियोजना और भाखरा केनाल प्रोजेक्ट के कमांड क्षेत्र में खाला (वाटर कोर्स) निर्माण की स्वीकृति के लिए योजना रिपोर्ट भेज दी। वाटर कोर्स बनने के बाद दोनों परियोजनाओं के सिंचाई क्षेत्र में करीब 17 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जाएगी। रिपोर्ट में भाखरा नांगल और गंगनहर परियोजना क्षेत्र में खाला निर्माण पर 850 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान व्यक्त किया गया है। यह रिपोर्ट राज्य के सिंचित क्षेत्र विकास विभाग ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय को भेजी है।
इसमें गंगनहर परियोजना में करीब 70 हजार हेक्टेयर और भाखरा केनाल प्रोजेक्ट में लगभग 1 लाख 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खाला निर्माण करना बताया गया है। गंगनहर परियोजना में खाला निर्माण की लागत करीब 67 करोड़ व भाखरा केनाल प्रोजेक्ट में 783 करोड़ लागत आने की संभावना है। दोनों परियोजना क्षेत्रों में अभी करीब 62 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है। खाला निर्माण के बाद यह क्षेत्र बढ़कर 79 प्रतिशत हो जाएगा। इस प्रकार किसानों को करीब 17 प्रतिशत इलाके में अतिरिक्त सिंचाई का लाभ मिल सकेगा। खाला निर्माण के बाद परियोजना से सिंचाई के उपयोग में लिए जा रहे पानी की बचत होगी तथा कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा। वर्तमान में सिंचाई के समय काफी पानी व्यर्थ बह जाता है, लेकिन खाला निर्माण से इसका सदुपयोग हो सकेगा। व्यर्थ बहने वाला पानी सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी होने पर अतिरिक्त उत्पादन देने वाला साबित होगा।

Jagran

राजस्थान राज्य के दो जिले तंबाकू मुक्त होंगे

केंद्र सरकार ने राज्य के झुंझुनूं और जयपुर जिलों को तंबाकू मुक्त करने के लिए चुना है। केंद्र की मंशा है कि इन तंबाकू जनित उत्पादों के विरुद्ध लोगों में जनजागृति पैदा की जाए। आवश्यकता पड़ने पर कानून भी बनाया जाएगा। इस योजना पर विचार के लिए 40 स्वयंसेवी संगठनों की एक राज्य स्तरीय कार्यशाला राज्य स्वास्थ्य परिवार कल्याण संस्थान में आयोजित की गई। आयोजन से जुड़े डॉ.राकेश गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला में तम्बाकू निषेध कानून की बेहतर ढंग से पालना पर बल दिया गया। कार्यशाला में राजस्थान कैंसर फाउंडेशन, इंडियन अस्थमा केयर सोसायटी,अखिल विश्व गायत्री परिवार सहित दिल्ली के दो एनजीओ भी शामिल थे।

Wednesday, July 16, 2008

लद्दाख में काजरी का अनुसंधान केंद्र

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान अब ठंडे रेगिस्तान में भी अनुसंधान करेगा। इसके लिए काजरी जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में अपना पांचवां केंद्र स्थापित करेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की हाल ही में हुई प्रादेशिक समिति की बैठक में काजरी को ठंडे रेगिस्तान में भी कार्य करने के निर्देश दिए गए। अभी तक काजरी ने अपनी स्थापना के पचास सालों में गर्म रेगिस्तान के संसाधनों पर कार्य किया है। जोधपुर के अलावा बीकानेर, जैसलमेर, पाली और गुजरात के भुज जिले में काजरी के केंद्र है। लद्दाख क्षेत्र विश्व के सबसे ऊंचे स्थानों में गिना जाता है। वहां तापमान शून्य से भी कम रहता है, इसलिए यह ठंडा रेगिस्तान है। राजस्थान की तरह यहां भी वार्षिक वर्षा का औसत 60 मिलीमीटर से कम है। लद्दाख की घाटियों में भी रेतीले धोरे है और वहां भी मीलों दूर तक वनस्पति का नामों निशान नहीं है। मरुस्थलीकरण पर कार्य करने वाले काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अमलकार के अनुसार लद्दाख में काजरी मुख्यत: स्थानीय लोगों के जीवन स्तर सुधारने पर ध्यान केंद्रित करेगी। लोगों की आजीविका के साधनों में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा वनस्पति और पशु संसाधनों पर भी अनुसंधान होगा।

Tuesday, July 15, 2008

अमेरिका चाहता है पाक के वैज्ञानिक हैं एक्यू खान के नेटवर्क की जानकारी

बुश प्रशासन पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान के काम तथा उनके नेटवर्क की गतिविधियों के बारे में कुछ अधिक जानकारी हासिल करना चाहता है। पाकिस्तान कह चुका है कि उसके लिए खान से जुड़ा मामला बंद अध्याय है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता सीन मैक्कारमैक ने कहा कि मैं कोई खास आरोपों की बात नहीं कर रहा, लेकिन हम एक्यू खान तथा उनके नेटवर्क के बारे में निश्चित तौर पर कुछ और जानना चाहते हैं। हम उसमें निश्चित तौर पर दिलचस्पी रखते हैं। उन्होंने कहा हमने काफी कुछ जाना है। नेटवर्क टूट गया है। वह काम नहीं कर रहा, लेकिन मैं सोचता हूँ कि हम और अन्य भी अभी भी एक्यू खान तथा खान के नेटवर्क की सभी गतिविधियों के विस्तार के बारे में जानना चाहते हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में खान को 'इतिहास' करार दिया। उनसे परमाणु वैज्ञानिक से सीधी पहुँच के बारे में पूछा गया था।

प्रशासनिक सेवाओं में बनाइए करियर

भारत में विद्यमान सर्वोत्तम परिलब्धियां एवं विशेषाधिकार इन लोगों को मिलते हैं। इसके अलावा इससे सामाजिक शोहरत और सरकारी प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है। निस्संदेह आज तक सिविल सेवाओं का आकर्षण बराबर बना हुआ है, जबकि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में ग्लैमर तथा अधिक धन प्राप्ति के अवसर मौजूद हैं। लेकिन यह भी स्वीकार करना होगा कि इस पद के साथ अत्याधिक जिम्मेदारी जुड़ी हुई है, क्योंकि नौकरशाही में प्रशासनिक सेवाएं देश की सुचारु प्रणाली के लिए जिम्मेदार हैं।

परीक्षा का ढांचा

सिविल सेवा परीक्षा ‘संघ लोक सेवा आयोग’ द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है। राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्रों में समय-समय पर इसकी घोषणा की जाती है।

इस परीक्षा में चयन के तीन स्तर हैं-

1. व्यक्ति की अपने विषयों में अनिवार्य समझ का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाती है। इसमें प्रश्न वस्तुनिष्ठ होते हैं और उम्मीदवार को दो पर्चे देने होते हैं।

एक पर्चा ऐच्छिक विषय से संबंधित होता है। उम्मीदवार 23 विषयों की सूची में से अपनी पसंद का विषय चुनता है। दूसरा विषय सामान्य ज्ञान/अध्ययन का होता है। प्रत्येक पर्चे की अवधि दो घंटे होती है। ऐच्छिक पर्चा 300 अंकों का होता है, जबकि सामान्य ज्ञान/अध्ययन के 150 अंक होते हैं।

ऐच्छिक पर्चा डिग्री के समकक्ष होता है। सामान्य अध्ययन में इतिहास, राजनीति, समसामयिक समाचार, सामान्य विज्ञान तथा अर्थव्यवस्था का 10+2 के समकक्ष होता है। तीनों परीक्षाओं में प्रारंभिक परीक्षा सबसे ज्यादा कठिन है, क्योंकि इसी स्तर पर अधिकांश उम्मीदवारों के नाम रद्द कर दिए जाते हैं।

अत: यह सलाह दी जाती है कि प्राथमिक परीक्षा को सबसे ज्यादा गंभीरता से लिया जाए। एक बार यह बाधा दूर हो जाने पर व्यक्ति अगली परीक्षा की तैयारी शुरू कर सकता है।

2. मुख्य परीक्षा विषयनिष्ठ होती है।
उम्मीदवार के ज्ञान की थाह पाने के लिए यह परीक्षा ली जाती है। इस परीक्षा में नौ पर्चे होते हैं -

पहला पर्चा: भारतीय भाषा – 300 अंक,

दूसरा पर्चा: अंग्रेजी – 300 अंक,

तीसरा पर्चा: निबंध- 200 अंक

अवधि- तीन घंटे

चौथा और पांचवां पर्चा: सामान्य अध्ययन- 300 अंक प्रति विषय,

छठा एवं सातवां पर्चा: ऐच्छिक विषय- 300 अंक प्रति विषय,


आठवां एवं नौवां पर्चा: ऐच्छिक विषय- 300 अंक उम्मीदवार को पच्चीस विषयों में से अपनी रुचि के दो विषय चुनने होते हैं।


पर्चा-1 तथा 2 का स्तर मैट्रिक परीक्षा के समकक्ष होता है तथा यह अर्हक प्रकृति का होता है। इन पत्रों में प्राप्तांकों पर अंतिम रैकिंग में ध्यान नहीं दिया जाता है। लेकिन अन्य सात पत्रों का मूल्यांकन तभी किया जाएगा, जब वह पर्चा 1 और 2 में न्यूनतम स्तर प्राप्त कर लेगा। अत: मुख्य परीक्षा का प्रत्येक स्तर महत्वपूर्ण होता है।

3. इसके बाद साक्षात्कार आता है। साक्षात्कार में व्यक्तित्व एवं कौशल का पता लगाया जाता है। इसके 300 अंक होते हैं। यह साक्षात्कार सामान्य साक्षात्कार से भिन्न होता है। इस साक्षात्कार का लक्ष्य उम्मीदवार की अपेक्षाओं, बुद्धि कौशल एवं व्यक्तित्व की जानकारी लेना है। इसके बाद सिविल सेवाओं में उपयुक्त नौकरियों के साथ मिलान करने की कोशिश की जाती है। साक्षात्कार मंडल व्यक्ति की विशिष्टता और खूबी जानने की कोशिश करता है तथा नेतृत्व गुण एवं नौकरी के लिए अपेक्षित संतुलित निर्णय शक्ति जैसे गुणों का पता लगाया जाता है।

सिविल सेवा परीक्षा में सामान्य श्रेणी का उम्मीदवार चार बार बैठ सकता है। स्पष्ट है कि अधिकांश उम्मीदवारों के लिए पहला प्रयास अनुभव मात्र होता है। निस्संदेह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी से व्यक्ति का ज्ञान बढ़ता है। सिविल सेवा की तैयारी का सबसे ज्यादा महत्व है। इसके प्रति एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।विषयों का चयन है

ये विषय उम्मीदवार की रुचि के अनुकूल हों। अधिकांश उम्मीदवार ऐच्छिक विषय के रूप में ऑनर्स विषय चुनते हैं; लेकिन ऑनर्स विषय से इतर विषय भी चुना जा सकता है। हमें मात्र यही ध्यान रखना होगा कि हम चाहे जो भी विषय चुनें, हमें उस विषय की भलीभांति जानकारी हो। इसके लिए आपको विभिन्न पुस्तकों तथा सूचना के अन्य स्रोतों के माध्यम से अपनी जानकारी बढ़ानी है।

सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से निम्नलिखित सेवाओं/पदों पर भर्ती की जाती है –

1. भारतीय विदेश सेवा (आई.एफ.एस.)
2. भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई.ए.एस.)
3. भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस.)
4. भारतीय राजस्व सेवा, ग्रुप ‘ए’
5. भारतीय डाक सेवा, ग्रुप ‘ए’
6. भारतीय सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद सेवा, ग्रुप ‘ए’
7. भारतीय रक्षा लेखा सेवा, ग्रुप ‘ए’
8. भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा, ग्रुप ‘ए’
9. भारतीय डाक एवं तार लेखा तथा वित्त सेवा, ग्रुप ‘ए’
10. भारतीय सिविल लेखा सेवा, ग्रुप ‘ए’
11. भारतीय आयुध फैक्टरी सेवा, ग्रुप ‘ए’
12. भारतीय रेलवे ट्रैफिक सेवा, ग्रुप ‘ए’
13. भरतीय रेलवे कर्मी सेवा, ग्रुप ‘ए’
14. भारतीय रक्षा संपदा सेवा, ग्रुप ‘ए’
15. भारतीय सूचना सेवा, ग्रुप ‘ए’
16. भारतीय व्यापार सेवा, ग्रुप ‘ए’
17. रेलवे संरक्षण का बल, ग्रुप ‘ए’
18. असिस्टेंट कमांडेंट का पद, ग्रुप ‘ए’ - केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल
19. पुलिस उपनिरीक्षक, ग्रुप ‘ए’, केंद्रीय जांच ब्यूरो
20. केंद्रीय सचिवालय सेवा, ग्रुप ‘बी’
21. रेलवे बोर्ड सचिवालयी सेवा, ग्रुप ‘बी’
22. सशस्त्र बल मुख्यालय, सिविल सर्विस, ग्रुप ‘बी’
23. भारतीय संघ-शासित क्षेत्र की सिविल सेवा, ग्रुप ‘बी’
24. पॉन्डीचेरी सिविल सेवा, ग्रुप ‘बी’

इसके अलावा, प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करते समय मुख्य परीक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता है। चुने गए आईएएस तथा आईपीएस अधिकारियों को निचले स्तर पर अर्थात जिला स्तर पर काम शुरू करना होता है। यह आईएएस तथा आईपीएस का विकास-काल होता है, जब वे वास्तविकताओं के संपर्क में आते हैं और जिम्मेदारी लेना शुरू करते हैं। इसके बाद ये लोग पद क्रम में निश्चित अवधि में पदोन्नति पाकर शीर्ष पर पहुंचते हैं। कुल मिलाकर सिविल सेवा की सर्वाधिक मांग है, क्योंकि इसके साथ प्रशासनिक शक्ति, सामाजिक हैसियत, प्रतिष्ठा व उत्तम धन लाभ जुड़ा है।

Josh (http://www.josh18.com/)
(कैरियर संबंधी और अधिक जानकारी के लिए देखिए ग्रंथ अकादमी नई दिल्ली से प्रकाशित ए. गांगुली और एस. भूषण की पुस्तक ‘अपना कैरियर स्वयं चुनें’।)
15 जुलाई 2008, इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

Monday, July 14, 2008

एटम लेजर बनाने के करीब पहुंचे वैज्ञानिक

कई शोधों के बाद वैज्ञानिक एक ऐसे एटम लेजर के निर्माण के करीब पहुंच गए है जिसके बन जाने के बाद चिकित्सा विज्ञान, नौवहन, उद्योग और खनन आदि क्षेत्रों से संबंधित सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जा सकेगी।

इससे पहले बने एटम लेजर में ईधन को लेकर काफी समस्या आती थी, क्योंकि इसमें शून्य डिग्री तापमान पर ही ईधन भरा जा सकता था। लेकिन नए एटम लेजर में वैज्ञानिकों ने इस समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। इस परियोजना पर कार्य कर रहे निक राबिंस के मुताबिक नए एटम लेजर में कोई समस्या नहीं आएगी और इसमें काम के दौरान भी ईधन भरा जा सकेगा। यह लेजर इतना शक्तिशाली होगा कि चुंबकीय, विद्युतीय और गुरूत्वाकर्षण क्षेत्रों में भी सही-सही मापन करने में सक्षम होगा।

राबिंस के अनुसार आम तौर पर परमाणुओं की गति एवं दिशा अनियंत्रित होती है, लेकिन एटम लेजर में ये एक ही दिशा में नियंत्रित होकर काम करते है।

सबसे उम्रदराज ब्लागर ओलिव रिले

सबसे उम्रदराज ब्लागर के रूप में जानी जाने वाली आस्ट्रेलियाई महिला ओलिव रिले ने 13 जुलाई, 2008 की मौत हो गई है। 108 साल की इस महिला ने मौत से 17 दिन पहले अपने ब्लाग पर आखिरी संदेश लिखा था। अखबार 'सिडनी मार्निग हेराल्ड' ने ओलिव के पड़पोते के हवाले से उनकी मौत की खबर देते हुए लिखा है कि यह आश्चर्यजनक था कि इस उम्र में भी महिला लगातार दुनिया भर के लोगों से संपर्क में रहती थी। रूस-अमेरिका जैसे सुदूर देशों के लोगों से लगातार उनका संवाद चलता रहता था। ओलिव ने पिछले पांच महीनों में 70 से भी ज्यादा पोस्ट लिखे। उन्होंने दो विश्व युद्ध के दौरान अपनी जिंदगी और रसोइया व बार गर्ल के रूप में काम करते हुए बच्चे पालने की जद्दोजहद के बारे में लिखा है। 26 जून को अपने आखिरी पोस्ट में ओलिव ने लिखा था कि उन्हें दमे की बीमारी से निजात पाना मुश्किल लग रहा था।

प्रवासी भारतीय

प्रवासी भारतीय दुनिया भर में फैले हैं। 48 देशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों की जनसंख्या करीब 2 करोड़ है। इनमें से 11 देशों में 5 लाख से ज्यादा प्रवासी भारतीय वहां की औसत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और वहां की आर्थिक व राजनीतिक दशा व दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहां उनकी आर्थिक, शैक्षणिक व व्यावसायिक दक्षता का आधार काफी मजबूत है। वे विभिन्न देशों में रहते हैं, अलग भाषा बोलते हैं परंतु वहां के विभिन्न क्रियाकलापों में अपनी महती भूमिका निभाते हैं। प्रवासी भारतीयों को अपनी सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के कारण ही साझा पहचान मिली है और यही कारण है जो उन्हें भारत से गहरे जोड़ता है।

जहां-जहां प्रवासी भारतीय बसे वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान की और बहुत कम समय में सर्वोच्चमजदूर, व्यापारी, शिक्षक अनुसंधानकर्ता, खोजकर्ता, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रबंधक, प्रशासक आदि के रूप में दुनियाभर में स्वीकार किए गए। प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों, शैक्षणिक योग्यता को दिया जा सकता है। कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतवंशियों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। वैश्रि्वक स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके कारण भारत की विदेशों में छवि निखरी है। प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भी आज भारत आर्थिक विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। स्थान प्राप्त कर लिया। वे

जहां-जहां प्रवासी भारतीय बसे वहां उन्होंने आर्थिक तंत्र को मजबूती प्रदान की और बहुत कम समय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर लिया। वे मजदूर, व्यापारी, शिक्षक अनुसंधानकर्ता, खोजकर्ता, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, प्रबंधक, प्रशासक आदि के रूप में दुनियाभर में स्वीकार किए गए। प्रवासियों की सफलता का श्रेय उनकी परंपरागत सोच, सांस्कृतिक मूल्यों, शैक्षणिक योग्यता को दिया जा सकता है। कई देशों में वहां के मूल निवासियों की अपेक्षा भारतवंशियों की प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है। वैश्रि्वक स्तर पर सूचना तकनीक के क्षेत्र में क्रांति में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके कारण भारत की विदेशों में छवि निखरी है। प्रवासी भारतीयों की सफलता के कारण भी आज भारत आर्थिक विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।

डा. एल. एम. सिंघवी की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी ने प्रवासी भारतीयों पर 18 अगस्त 2000 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। रिपोर्ट में प्रवासी भारतीयों पर बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी को पहला ऐतिहासिक कदम बताते हुए इस बात की आशा व्यक्त की गई है कि कमेटी द्वारा जो सुझाव दिए पर सरकार पहल करेगी।

Jagran

Sunday, July 13, 2008

बरमूडा में पहुंच रहा है तूफान ‘बर्था’

अमेरिका के समीप बरमूडा में चक्रवाती तूफान ‘बर्था’ की पूर्व चेतावनी जारी की गई है। तूफान चेतावनी केन्द्र के अनुसार अगले 36 घंटों के अंदर इस तूफान के बरमूडा पहुंच जाने की आशंका है। केन्द्र के मुताबिक तूफान के दौरान 140 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हवांए चलेंगी। ऐसे में यह तूफान वेग मापक ‘सिम्पसन स्केल’ पर श्रेणी-1 का तूफान होगा, जिससे किसी भारी नुकसान की आशंका नहीं के बराबर होगी।

12 जुलाई 2008, रॉयटर्स, josh18.com

Saturday, July 12, 2008

Pioneer of bypass surgery passed away

Dr. Michael DeBakey, the world-famous cardiovascular surgeon who pioneered such now-common procedures as bypass surgery and invented a host of devices to help heart patients, has died. He was 99. DeBakey died Friday, 11th July, 2008 night at The Methodist Hospital in Houston from "natural causes". DeBakey counted world leaders among his patients and helped turn Baylor from a provincial school into one of the nation's great medical institutions. It was the start of a lifetime of innovation. The surgical procedures that DeBakey developed once were the wonders of the medical world. Today, they are commonplace procedures in most hospitals.

He also was a pioneer in the effort to develop artificial hearts and heart pumps to assist patients waiting for transplants, and helped create more than 70 surgical instruments. In early 2006, DeBakey underwent surgery for a damaged aorta — a procedure he had developed.

उपनाम और आनुवांशिक समानताएँ

अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में गोद लिए गए पुरुष डीएनए जाँच से अपने वंशजों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और वाई क्रोमोसोम की मदद से इसमें सफलता भी पा रहे हैं। ये लोग इस तथ्य का सहारा ले रहे हैं कि एक जैसे उपनाम रखने वाले लोगों के बीच कभी-कभी आनुवांशिक समानताएँ मिल जाती हैं। डीएनए के 'डाटाबेस' से ये उन पुरुषों की पहचान करते हैं, जिनकी आनुवांशिक पहचान उनसे भी मेल खाती हों और तब वे यह देखते हैं कि क्या उनके अंतिम नाम भी एक हैं। इससे उन्हें यह पता चल सकता है कि उनके वंशजों ने किस तरह के उपनाम रखे होंगे। एक जैसे उपनाम वाले लोगों में जो आनुवांशिक समानताएँ मिलती हैं, वह वाई क्रोमोसोम पर पाया जाता है।

वाई क्रोमोसोम पर मिलने वाला यह गुण एक उपनाम की तरह थोड़े-बहुत बदलाव के साथ बाप से बेटे को मिलता जाता है। इस तरह के वंशानुक्रम के कारण एक जैसे उपनाम वाले लोगों के वाई क्रोमोसोम पर मौजूद उनके आनुवांशिक पहचान के निशान भी आपस में मेल खा सकते हैं।

'ट्री डीएनए' का 'वाईसर्च' : आनुवांशिक जाँच करने वाली अमेरिकी कंपनी 'ट्री डीएनए' के पास सवा लाख लोगों के उपनाम और उनके आनुवांशिक गुणों का रिकॉर्ड है। इस आँकड़े को कंपनी ने 'वाईसर्च' नाम से इंटरनेट पर डाल रखा है। इससे उन्हें इसका अंदाजा हो सकता है कि उन्हें अपनी जन्मभूमि की तलाश किस शहर से शुरू करना चाहिए। डीएनए की जाँच से किसी के भी वाई क्रोमोसोम पर मौजूद 67 आनुवांशिक गुणों का पता चलता है।

किसी और तरीके से गोद लिए कुछ पुरुषों के लिए उन्हें पैदा करने वाले का उपनाम पता कर पाना बहुत मुश्किल या असंभव है। डीएनए जाँच का यह असली चमत्कार है। वाई क्रोमोसोम एक रामबाण की तरह काम कर सकते हैं।


Wednesday, July 9, 2008

ओमेगा-3 वसीय अम्ल, यूरिडाइन और कोलाइन का मिश्रण से अल्जाइमर्स का इलाज

कुछ खास पेय पदार्थो को एक साथ मिला कर पिया जाए तो यह याददाश्त बढ़ाने में कारगर हो सकता है। ऐसा मिश्रित पेय अल्जाइमर्स जैसे रोग के इलाज में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसे पेय पदार्थ, जिनमें ओमेगा-3 वसीय अम्ल मौजूद रहता है, का काकटेल [मिश्रित सेवन] याददाश्त बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में डीएचए [ओमेगा-3 वसीय अम्ल का एक प्रकार], यूरिडाइन और कोलाइन का मिश्रण देने से चूहों की याददाश्त में इजाफा देखा। उन्होंने इसके जरिए अल्जाइमर्स का इलाज विकसित किया, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं एक-दूसरे से जुड़ी रहती हैं। गौरतलब है कि इन कोशिकाओं के संयोजन में कमी आने की वजह से ही अल्जाइमर्स के मरीजों की याददाश्त कम होने लगती है।

ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी पर सहमति

सापोरो [जापान]। आठ धनी देशों के संगठन जी-8 ने ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक उत्सर्जन को 2050 तक कम करने पर मंगलवार को सहमति जताई। भारत सहित पांच विकासशील देशों ने समूह से जलवायु परिवर्तन की दिशा में अधिक कुछ करने की अपील की थी। जी-8 सम्मेलन के मौके पर स्वीकृत एक राजनीतिक घोषणापत्र में भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और मेक्सिको ने विकसित देशों से कहा कि वे क्योटो प्रोटोकाल की प्रतिबद्धताओं को पूरा करें। इन देशों ने 2020 तक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में 25 से 40 फीसदी की कमी लाने को भी कहा। घोषणापत्र में कहा गया है कि वित्तीय अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक मंदी का अंतर्सबंध, बढ़ती खाद्य एवं तेल की कीमतें और जलवायु परिवर्तन के खतरे मिलकर मौजूदा परिदृश्य को और जटिल बना रहे हैं।

जी-8 के देशों ने चीन एवं भारत सहित सभी प्रमुख देशों से विश्व तापमान में संभावित खतरनाक बढ़ोतरी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। इस समूह में अमेरिका, जापान, रूस, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा तथा इटली शामिल हैं। जी-8 की ओर से जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त रूप से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि इस चुनौती से वैश्विक प्रत्युत्तर के जरिये ही निपटा जा सकता है। भारत समेत पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने अमीर देशों पर व्यापार को असंतुलित करने वाली सब्सिडी के जरिए विकासशील देशों के खाद्य उत्पादन को नुकसान पहुंचाने के लिए निशाना साधा

Tuesday, July 8, 2008

Cassini ends one mission, begins another

Cassini is a cooperative project of NASA and the European and Italian space agencies. Cassini was launched Oct. 15, 1997, on a seven-year 2.2 billion-mile journey. The spacecraft entered Saturn's orbit June 30, 2004.

U.S. space agency's Cassini spacecraft is ending its first mission at Saturn and starting a two-year task to focus on Saturn's moons Titan and Enceladus.

Cassini completed its four-year primary mission on 30th June, 2008, beginning the extended mission. Among other things, Cassini revealed the Earth-like world of Saturn's moon Titan and showed the potential habitability of another moon, Enceladus.

These two worlds are primary targets in the two-year extended mission, dubbed the Cassini Equinox Mission. This time period also will allow for monitoring seasonal effects on Titan and Saturn, exploring new places within Saturn's magnetosphere, and observing the unique ring geometry of the Saturn equinox in August of 2009, when sunlight will pass directly through the plane of the rings.

NASA said data from Cassini's could lay the groundwork for possible future missions to Saturn, Titan or Enceladus.

Chemical Reduces Cows' Carbon 'hoofprint'

Sustainability is important in agricultural production, with an emphasis placed upon meeting human food requirements while mitigating environmental impact. A recent study demonstrates that use of recombinant Bovine Somatotropin (rbST)markedly not only improves the efficiency of milk production but also mitigates environmental impact of greenhouse gas emissions and reduces natural resource requirements such as fossil fuel, water and land use. Supplementing cows with rbST on an industry-wide scale would improve sustainability and reduce the dairy industry's contribution to water acidification, algal growth, and global warming.

In 2007, there were 9.2 million cows in the United States. For every one million cows supplemented with rbST, the world would see an environmental saving of 824 million kilograms of carbon dioxide, 41 million kilograms of methane and 96,000 kilograms of nitrous oxide. For every one million cows supplemented with rbST, the reduction in the carbon footprint is equivalent to removing approximately 400,000 family cars from the road or planting 300 million trees.

Producing milk uses large quantities of land, energy and feed, but rbST – the first biotech product may be used on American farms; has been in agricultural use for nearly 15 years.carbon hoofprint (hoofprint: a visible impression on a surface made by the hoof of an animal) by easing energy, land and nutritional inputs necessary to sustain milk production at levels sufficient to meet demand. Now it is found to reduce the

This research found that, compared to a non-supplemented population, giving rbST to one million cows would enable the same amount of milk to be produced using 157,000 cows (approx. 1.5 million). The nutrient savings would be 491,000 metric tons of corn, 158,000 metric tons of soybeans. In this manner the total feedstuffs would be reduced by 2,300,000 metric tons. Producers could reduce cropland use by 219,000 hectares and reduce 2.3 million tons of soil erosion annually.

Monday, July 7, 2008

बच्चों का नखरा तथा व्यवहारगत समस्याए

एक अध्ययन से खुलासा हुआ है कि ऐसे बच्चों में बड़े होकर झूठ बोलने और दूसरों को तंग करने की आदत का शिकार होने की आशंका अधिक होती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो खाने के टेबल पर बहुत ना-नुकुर करते हैं, उनमें बडे़ होकर व्यवहारगत समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ये आगे चलकर नन्हें शैतान बन सकते हैं और घर एवं स्कूल में लोगों को नाकों चने चबाने को बाध्य कर सकते हैं।

इसके विपरीत अध्ययन में पाया गया कि जो बच्चे ज्यादा मनमौजी नहीं होते और जिनकी आदतों वगैरह के बारे में निश्चित कुछ कहा जा सकता है उनमें भविष्य में व्यवहारगत दिक्कतें पाए जाने की समस्या बहुत कम होती है। शोधकर्ताओं ने ऐसे बच्चों को परिभाषित करते हुए बताया है कि ये वे बच्चे हैं जो खाना खाने से इनकार करते हैं या फिर खाने में अधिक समय लेते हैं, दिन में अलग-अलग समय पर ये भूख लगने तथा थकान की शिकायत करते हैं। जो चाहते हैं कि उन पर लगातार ध्यान दिया जाए अथवा जो शाम को या सारी रात सोते ही नहीं है।

डेली मेल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ता तेरह साल तक के 2000 बच्चों का अध्ययन कर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक बच्चों के व्यवहार में आनुवांशिकी अहम भूमिका निभाती है लेकिन बच्चे के जन्म से लेकर एक साल की आयु का तक पालन पोषण भी उसके व्यवहार को काफी हद तक तय करता है। शिकागो विश्वविद्यालय के डा बेंजामिन लाहे इस शोध परियोजना के मुख्य शोधकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि यह शोध बच्चों के लालन-पालन के लिए अभिभावकों को सिखाए जाने वाले कौशल के संभावित लाभ को भी रेखांकित करता है। इस अध्ययन के परिणाम असामान्य बच्चों के मनोविज्ञान संबंधी पत्रिका में भी प्रकाशित हुए हैं।

Jagran Jul 07, 06:56 pm

डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार 2005

सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक व एसएमएस मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ.नरपतसिंह शेखावत को 'डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार 2005' से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने राष्ट्रपति भवन में एक समारोह में उन्हे यह पुरस्कार दिया। डॉ. शेखावत को यह पुरस्कार स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामाजिक सेवाओं के लिए वर्ष 2005 में देने की घोषणा की गई थी। डॉ. शेखावत जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक भी रह चुके है। एसएमएस अस्पताल व जेकेलोन में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने दानदाताओं के सहयोग से 2 करोड़ और सरकारी सहायता से 7 करोड़ स्वीकृत करवाकर अस्पताल भवन का विस्तार, आधुनिक गहन चिकित्सा इकाई के निर्माण सहित कई कार्य करवाए है। डॉ. शेखावत एक अच्छे शिक्षक,शोधकर्ता के साथ -साथ कुशल प्रशासक भी है।

जिप्सम बोर्ड प्लांट

उद्योग मंत्री डॉ. दिगम्बर सिंह ने बृहस्पतिवार 3rd July, 2008 को खुशहेड़ा (अलवर) में लाफार्ज एवं आस्ट्रेलियन कंस्ट्रक्शन समूह बोराज के जिप्सम बोर्ड प्लांट का उदघाटन किया। इस पर सौ करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। इस अवसर पर लाफार्ज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओलिविर ने कहा कि यह प्लांट जिप्सम की माइनिंग को विकसित करने में सहायक है। विनिर्माण उद्योग में इसने शत-प्रतिशत पुनर्चक्रीय ग्रीन प्रोडेक्ट विकल्प की पेशकश भी की है। इस प्लांट से प्रशिक्षित रोजगार कर्मियों के लिए भी नए मार्ग प्रशस्त हुए है। प्लांट पर तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र को भी इस ढंग से विकसित किया गया है ताकि मूल रूप से मजदूरों में स्किल बढ़ाकर कम आय वर्ग को ज्यादा राहत मिल सके।

21 दिसंबर, 2012 पृथ्वी पर प्रलय का दिन होगा ?

विज्ञान इतना तरक्की कर चुका है कि उसके सहारे इंसान अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं खोज रहा है, लेकिन हमारी दुनिया में गाहे-बगाहे विज्ञान की इसी तरक्की को चुनौती देने वाली बातें भी सामने आती रहती हैं। इन दिनों अमेरिका, कनाडा और समूचे यूरोप में एक अफवाह फैली है कि प्रलय का दिन बेहद नजदीक है। इसके मुताबिक 21 दिसंबर, 2012 को दुनिया का वजूद खत्म हो जाएगा।

लोगों का कहना है कि हजारों साल पहले ही अनुमान लगा लिया गया था कि 21 दिसंबर, 2012 पृथ्वी पर प्रलय का दिन होगा। भविष्यवाणियों पर यकीन करने वाले लोग कह रहे हैं कि उस दिन पृथ्वी खत्म हो जाएगी। यह तारीख प्राचीन माया सभ्यता के एक मिथक से जोड़ कर देखी जा रही है। गणित और खगोल विद्या के मामले में बेहद उन्नत मानी गई इस सभ्यता के कैलेंडर में पृथ्वी की उम्र 5126 वर्ष आंकी गई है। और, ग्रेगेरियन कैलेंडर के लिहाज से पृथ्वी का आखिरी दिन 21 दिसंबर, 2012 का बताया जा रहा है।

प्रलय की बात पर यकीन करने वाले लोगों का कहना है कि माया सभ्यता के अलावा भी कुछ ऐसी बातें हैं जो इसकी पुष्टि करती हैं। उनके अनुसार 26 हजार साल में इस दिन पहली बार सूर्य अपनी आकाशगंगा 'मिल्की वे' के केंद्र की सीध में आ जाएगा, जिसके चलते पृथ्वी बेहद ठंडी हो जाएगी। कुछ लोगों का कहना है कि इससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पहुंचना बंद हो जाएगी और कुछ के अनुसार सौर धब्बे या सौर लपटें पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को जला कर खाक कर देंगी।

हालांकि, वैज्ञानिक प्रलय संबंधी ऐसी किसी भी आशंका से इनकार कर रहे हैं। लेकिन, इस पर यकीन करने वाले उनकी बात मानने को तैयार नहीं हैं।

Jagran 7th July, 2008

Tuesday, July 1, 2008

पूर्वी राजस्थान में तेल व गैस की तलाश

पश्चिमी राजस्थान में कच्चे तेल की खोज करने के बाद केयर्न इंडिया लिमिटेड व ओएनजीसी ने अब संयुक्त रूप से हाड़ौती समेत पूर्वी राजस्थान में भी तेल व प्राकृतिक गैस की तलाश शुरू कर दी है। कंपनी के अधिकारी इन दिनों कोटा, झालावाड़ व बारां के विभिन्न इलाकों में भूमि के द्विआयामी कंपन के आंकड़े जुटाने में लगे है।

हाड़ौती सहित पूर्वी राजस्थान के 3 हजार 585 वर्ग किलोमीटर लंबे अपतटीय भू क्षेत्र को विंध्य ब्लॉक कोड नाम दिया गया है। केयर्न इंडिया के सूत्रों ने बताया कि सतह की भू-संरचना को जानने के लिए कम गहराई पर परीक्षण खुदाई का कार्य प्रारम्भ कर दिया है। भूमि लघु व मध्यम तीव्रता पर एक गहरा छेद किया जा रहा है। उसमें तकनीकी यंत्र के माध्यम से ध्वनि उत्पन्न कर भूमि की परतों से गुजरने वाली तरंगों को रिकार्ड किया जा रहा है। इसके लिए लघु व तीव्रता वाली कंपन तकनीक काम में ली जा रही है। इस कंपन सर्वेक्षण के जरिए विंध्य ब्लॉक की आंतरिक भू-संरचनाओं को समझने में भू-वैज्ञानिकों को मदद मिलेगी।

एक सप्ताह बाद विभिन्न सर्वेक्षण गतिविधियां शुरू होंगी। इसके लिए ही द्विआयामी कंपन के आंकड़े रिकार्ड करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रथम चरण का मुख्य कार्य दो माह बाद अगस्त से अक्टूबर के बीच होगा, जो तीन माह तक चलेगा। खोज के प्रथम चरण को पूरा करने के लिए लगभग तीन वर्ष का लक्ष्य तय किया गया है।

जोधपुर में एड्स उपचार प्रशिक्षण केंद्र खुलेगा

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) जोधपुर में राष्ट्रीय एड्स उपचार प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करेगा। देश में इस तरह का यह 11वां व राजस्थान का पहला प्रशिक्षण केंद्र होगा। नाको ने मथुरादास माथुर अस्पताल में राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (आरसीएक्स) की देखरेख में चल रहे एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (एआरटी) में उपलब्ध सुविधाओं के मद्देनजर इसे प्रशिक्षण केंद्र के लिए चयनित किया है। इसमें एड्स पीड़ितों के उपचार में लगे चिकित्सकों,नर्सो व काउंसलरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

Inetresting Interview Questions

Q.How can you drop a raw egg onto a concrete floor without cracking it?
A. Concrete floors are very hard to crack! (UPSC Topper)

Q.If it took eight men ten hours to build a wall, how long would it take four men to build it?
A. No time at all it is already built. (UPSC 23 rd Rank Opted for IFS)

Q.If you had three apples and four oranges in one hand and four apples and three oranges in the other hand, what would you have?
A. Very large hands.(Good one) (UPSC 11 Rank Opted for IPS)

Q. How can you lift an elephant with one hand?
A. It is not a problem, since you will never find an elephant with one hand. (UPSC Rank 14 Opted for IES)

Q. How can a man go eight days without sleep?
A. No Probs, He sleeps at night. (UPSC IAS Rank 98)

Q. If you throw a red stone into the blue sea what it will become?
A. It will Wet or Sink as simple as that. (UPSC IAS Rank 2)

Q. What looks like half apple?
A : The other half. (UPSC - IAS Topper )

Q. What can you never eat for breakfast?
A : Dinner.

Q. What happened when wheel was invented?
A : It caused a revolution.

Q. Bay of Bengal is in which state?
A : Liquid