Wednesday, July 16, 2008

लद्दाख में काजरी का अनुसंधान केंद्र

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान अब ठंडे रेगिस्तान में भी अनुसंधान करेगा। इसके लिए काजरी जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में अपना पांचवां केंद्र स्थापित करेगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की हाल ही में हुई प्रादेशिक समिति की बैठक में काजरी को ठंडे रेगिस्तान में भी कार्य करने के निर्देश दिए गए। अभी तक काजरी ने अपनी स्थापना के पचास सालों में गर्म रेगिस्तान के संसाधनों पर कार्य किया है। जोधपुर के अलावा बीकानेर, जैसलमेर, पाली और गुजरात के भुज जिले में काजरी के केंद्र है। लद्दाख क्षेत्र विश्व के सबसे ऊंचे स्थानों में गिना जाता है। वहां तापमान शून्य से भी कम रहता है, इसलिए यह ठंडा रेगिस्तान है। राजस्थान की तरह यहां भी वार्षिक वर्षा का औसत 60 मिलीमीटर से कम है। लद्दाख की घाटियों में भी रेतीले धोरे है और वहां भी मीलों दूर तक वनस्पति का नामों निशान नहीं है। मरुस्थलीकरण पर कार्य करने वाले काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अमलकार के अनुसार लद्दाख में काजरी मुख्यत: स्थानीय लोगों के जीवन स्तर सुधारने पर ध्यान केंद्रित करेगी। लोगों की आजीविका के साधनों में सुधार किया जाएगा। इसके अलावा वनस्पति और पशु संसाधनों पर भी अनुसंधान होगा।

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