Wednesday, July 9, 2008

ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी पर सहमति

सापोरो [जापान]। आठ धनी देशों के संगठन जी-8 ने ग्रीनहाउस गैसों के वैश्विक उत्सर्जन को 2050 तक कम करने पर मंगलवार को सहमति जताई। भारत सहित पांच विकासशील देशों ने समूह से जलवायु परिवर्तन की दिशा में अधिक कुछ करने की अपील की थी। जी-8 सम्मेलन के मौके पर स्वीकृत एक राजनीतिक घोषणापत्र में भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और मेक्सिको ने विकसित देशों से कहा कि वे क्योटो प्रोटोकाल की प्रतिबद्धताओं को पूरा करें। इन देशों ने 2020 तक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में 25 से 40 फीसदी की कमी लाने को भी कहा। घोषणापत्र में कहा गया है कि वित्तीय अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक मंदी का अंतर्सबंध, बढ़ती खाद्य एवं तेल की कीमतें और जलवायु परिवर्तन के खतरे मिलकर मौजूदा परिदृश्य को और जटिल बना रहे हैं।

जी-8 के देशों ने चीन एवं भारत सहित सभी प्रमुख देशों से विश्व तापमान में संभावित खतरनाक बढ़ोतरी पर नियंत्रण के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। इस समूह में अमेरिका, जापान, रूस, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, कनाडा तथा इटली शामिल हैं। जी-8 की ओर से जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त रूप से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि इस चुनौती से वैश्विक प्रत्युत्तर के जरिये ही निपटा जा सकता है। भारत समेत पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने अमीर देशों पर व्यापार को असंतुलित करने वाली सब्सिडी के जरिए विकासशील देशों के खाद्य उत्पादन को नुकसान पहुंचाने के लिए निशाना साधा

1 comment:

Anonymous said...

कूल यूएन में बंद होंगे एसी

संयुक्त राष्ट्र। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने कूल यूएन नाम से एक पहल की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत संरा में एयरकंडीशनरों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इससे दस लाख अमेरिकी डालर की भी बचत होगी।

संरा ने कूल यूएन पहल की शुरुआत करते हुए राजनायिकों, पत्रकारों और कर्मचारियों से कहा है कि एसी बंद कर दिए जाने से तापमान 22 डिग्री से बढ़कर 25 डिग्री हो जाएगा इसलिए वह हल्के कपड़े पहनें। प्रयोग के सफल होने पर प्रतिवर्ष दस लाख अमेरिकी डालर की बचत हो सकेगी। राजनयिकों का कहना है कि वह अधिक तापमान सहने के लिए तैयार हैं।

संरा के महासचिव बान की मून ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में मौसम परिवर्तन को हम शीर्ष पर लाने में सफल रहे हैं। इसका मतलब है कि संरा को स्वयं कदम उठाना होगा। अगस्त के दौरान चलने वाले एक माह के इस प्रयोग से संरा से होने वाले कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में 300 टन की कमी आएगी और एसी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली ऊर्जा में 10 प्रतिशत कमी आएगी। इससे 1,00,000 अमेरिकी डालर की बचत होगी।

Source:
http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_4681258.html/print/