डॉ. पाठक ने बताया कि पिछले काफी समय से दुबई में बड़ी तादाद में ऊंटों के मरने की सूचना उन्हे ई-मेल से दी गई है और यह भी बताया गया कि ऊंट किसी बीमारी से पीड़ित है। डॉ. पाठक ने वहां के वैज्ञानिकों से गहन विचार-विमर्श कर तात्कालिक तौर पर उन्हे बीमारी का निदान बताया। इससे कुछ हद तक दुबई में ऊंटों के मरने की रफ्तार पर रोक लगी। इस बीमारी से ऊंटों के कारगर इलाज के लिए इन्हे वहां आमंत्रित किया गया है।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की अनुमति के बाद वे 22 जुलाई को दुबई जा रहे है। वहां वे मरे हुए ऊंटों का पोस्टमार्टम करेगे और उपचार की विधि पर सलाह देंगे। इनके आने-जाने का सारा खर्चा यूनाईटेड अरब अमीरात (दुबई) वहन करेगा।
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