Friday, September 12, 2008

सतह वाली एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम

पाकिस्तान अपनी शाहीन या चीन देंगफोंग बैलिस्टिक मिसाइल से भारत पर हमला कर भी दे तो हमारी इंटरसेप्टर मिसाइलें उसे 50 से 80 किलोमीटर ऊपर आसमान में ही ध्वस्त कर दें। अगर पहली इंटरसेप्टर मिसाइल से दुश्मन मिसाइल बच निकली तो साथ में छोड़ी गई दूसरी इंटरसेप्टर मिसाइल उसे 10 से 25 किलोमीटर ऊंचाई पर ध्वस्त कर देगी।

जी हां, दो सतह वाली एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम में महारत हासिल करने के लिए नवंबर 2008 में इंटरसेप्टर मिसाइल का तीसरा परीक्षण किया जा सकता है। नवंबर 2006 में पीएडी मिसाइल का परीक्षण 18 किलोमीटर ऊंचाई पर और दिसंबर 2007 में एएडी मिसाइल का परीक्षण 48 किलोमीटर ऊंचाई पर पृथ्वी मिसाइल को निशाना बना कर किया गया था। अब नवंबर 2008 के परीक्षण में पृथ्वी मिसाइल को दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल की तरह दागते हुए 50 से 80 किलोमीटर की ऊंचाई पर ध्वस्त करने का परीक्षण होगा।तीसरे परीक्षण से भारत 5000 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को भी इंटरसेप्ट कर ध्वस्त करने के काबिल हो जाएगा।यह परीक्षण उड़ीसा के तटीय इलाके में चांदीपुर रेंज से किया जाएगा। इसके सफल परीक्षण के साथ ही काफी हद तक 7.5 मीटर लंबी इंटरसेप्टर मिसाइल की सफलता पर मुहर लग जाएगी। 10 से 25 किलोमीटर की ऊंचाई तक दुश्मन की मिसाइल को ध्वस्त करने वाली इंटरसेप्टर पीएडी मिसाइल को 'प्रद्युम्न' नाम दिया गया है। संभावना है कि इससे अधिक ऊंचाई पर इंटरसेप्ट करने वाली एएडी मिसाइल को 'अश्विन' नाम दिया जाएगा।

अगर दुश्मन की मिसाइल परमाणु वारहेड से भी लैस है और वह हमारे वायुमंडल में ध्वस्त होती है, तब भी चिंता की जरूरत नहीं होगी क्योंकि इतनी ऊंचाई पर परमाणु वारहेड डेटोनेट नहीं होता। उसके टुकड़े तो जमीन पर गिरेंगे पर वह विस्फोट के साथ तबाही नहीं मचा सकेगा। इस मिसाइल परियोजना पर काम कर रहे रक्षा वैज्ञानिक इंटरसेप्टर मिसाइल को क्रूज मिसाइल नष्ट करने लायक भी बनाना चाहते हैं। इसीलिए अवाक्स व एयरोस्टेट राडार सरीखे सिस्टमों के साथ इसे आजमाने पर काम शुरू किया जा रहा है। ऐसा होने पर पाकिस्तान की बाबर जैसी क्रूज मिसाइल का तोड़ भी निकाल लिया जाएगा।

वैसे भारत ने अग्नि-4 के डिजाइन पर भी काम शुरू कर दिया है। इसका 2010 तक परीक्षण किया जा सकता है। यह मिसाइल 6000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम होगी। अगले दो परीक्षणों के बाद अग्नि-3 सेना को दी जा सकती है।

नई दिल्ली [जरनैल सिंह]।
http://in.jagran.yahoo.com/news/national/general/5_1_4813893/


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