जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत 62. 5 एमएलडी इकाई से बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस कार्य पर 7.50 करोड़ खर्च किए जाएंगे। यह देश का दूसरा बायोगैस बिजली उत्पादन संयंत्र होगा। इस क्षमता का पहला बिजली उत्पादन संयंत्र सूरत में स्थापित किया गया है। इसका निर्माण दिसंबर 2008 में पूरा कर लिया जाएगा। इस प्लांट से प्रतिदिन 8800 यूनिट बिजली उत्पादित की जा सकेगी। इस बिजली से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को संचालित किया जाएगा, जिससे निगम को प्रतिमाह होने वाले 13 लाख रुपए के बिजली बिल से निजात मिल सकेगी। इस प्रकार सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की द्वितीय इकाई का निर्माण पर जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन के अन्तर्गत 28 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
देहलावास में संचािलत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की पहली इकाई से रोज 625 लाख मिलियन लीटर सीवेज पानी को ट्रीट कर रामचन्द्रपुरा डेम में पहुंचाया जा रहा है जिससे सैकड़ों बीघा में खेती की जा रही है। इस प्लांट को आर.यू.डी.पी.आई. को सुपुर्द किया था। यह प्लांट पांच वर्ष के अनुबंध पर निजी कंपनी की ओर से संचालित किया जा रहा है।
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