Sunday, June 1, 2008

खाद्य सुरक्षा सम्मेलन

बुश ने खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों के पीछे भारत और चीन के लोगों को दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि आर्थिक समृद्धि बढ़ने से इन देशों के लोग दिन में तीन बार भोजन करने लगे हैं। मंगलवार 3-05-2008 से शुरू हो रहे खाद्य सुरक्षा सम्मेलन में कृषि मंत्री शरद पवार द्वारा पेश किए जाने वाले खाद्यान्न उत्पादन के आंकड़े भी बुश को जवाब देने के लिए पर्याप्त होंगे। सम्मेलन का आयोजन खाद्य एवं कृषि संगठन [एफएओ] द्वारा ग्लोबल खाद्य संकट से निपटने के लिए साझा रणनीति बनाने की खातिर किया जा रहा है।

कम उत्पादन और भंडार घटने की वजह से खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों के कारण कैमरून, बुर्कीना फासो, हैती और मिस्त्र जैसे 30 से ज्यादा देश इन दिनों दंगे की चपेट में हैं। इसी अवधि में भारत में रिकार्ड 22.7 करोड़ टन अनाज का उत्पादन हुआ है।

सम्मेलन का आयोजन उस वक्त किया जा रहा है जब ग्लोबल स्तर पर खाद्य पदार्थो की कीमतें बढ़कर 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में रिकार्ड उत्पादन के कारण भारत की आवाज यहां महत्वपूर्ण होगी। अपने भाषण में पवार इस बात पर भी जोर डाल सकते हैं कि विश्व भर में अनाज की कीमतों में जहां 76 से 161 फीसदी का इजाफा हुआ वहीं भारत में बहुत अधिक बढ़ोतरी नहीं हुई।

सम्मेलन में भारत यह बता कर पूरी दुनिया का ध्यान आकृष्ट करेगा कि उसने रिकार्ड कृषि उत्पादन कैसे हासिल किया? सम्मेलन में पवार अपने देश का अनुभव बांटेंगे ताकि उपलब्ध अनाज के मद्देनजर ग्लोबल खाद्य संकट और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए साझी रणनीति बनाने में मदद मिले।


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