Monday, June 23, 2008

चंगेरी के साहसी भीलों ने बनाई पहाडि़यों में सड़क

जिला मुख्यालय के समीप ऐतिहासिक गागरोन किले के निकट बसे छोटे से ग्राम चंगेरी के लोगों में 80 घरों की बस्ती में अनुसूचित जनजाति श्रेणी के भील निवास करते है। उनके कच्चे पक्के मकान पहाड़ियों पर बने है। घरों तक जाने की कोई सीधी सड़क या सरल रास्ता नहीं था। पहाड़ियों को पार कर लोग अपने घर पहुंचते है। अब इस गांव के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत मुख्य सड़क से गांव तक पक्की सड़क के निर्माण का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। गांव के लगभग 70-80 मजदूरों यानी प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को गांव में ही रोजगार मिल रहा है। गांव वाले उत्साहपूर्वक जुटे है अपने गांव की सड़क बनाने में। निर्माण कार्य के लिए प्रयुक्त होने वाला पत्थर भी आसपास की पहाडि़यों से लिया जा रहा है। कार्य के लिए सवा 10 लाख रुपये की स्वीकृति भी मिल चुकी है।

झालरापाटन पंचायत समिति की कोलाना पंचायत के इस गांव में अन्य नागरिक सुविधाएं जैसे-पीने का पानी, बिजली, प्राइमरी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र पहले ही उपलब्ध है।

चंगेरी ग्राम के सभी परिवार काफी परिश्रमी है। पहाड़ी पर बसे गांव तक सड़क निर्माण कार्य को प्रस्तावित किया गया था। उन्होंने बताया कि बरसाती पानी की निकासी के लिए इस पहाड़ी सड़क के एक ओर दो-ढाई फीट गहरी पक्की नाली बनाई जाएगी। साथ ही कुछ स्थानों पर सुरक्षा दीवार भी बनाई जाएगी। यहां अब तक 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। श्रमिकों को करीब सात लाख रुपये का भुगतान मजदूरी पेटे किया जा चुका है।

जयपुर, जागरण संवाद केंद्र



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