Thursday, June 19, 2008

आरक्षण के फैसले

राजस्थान सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णो को 14 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। सरकार ने आर्थिक पिछड़ा आयोग की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला किया है।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य और कायस्थ सहित आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को इस आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था के बावजूद अजा, जजा व ओबीसी को वर्तमान में मिल रहा आरक्षण यथावत रहेगा।


गुर्जरों सहित पांच अति पिछड़ी जातियों को पांच गरीब सवर्णो को14 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले पर राजस्थान मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी। इस फैसले को कानूनी जामा पहनाने के लिए जल्द ही विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को लिए गए आर्थिक आरक्षण संबंधी फैसले को गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई। मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा वसुंधरा राजे को अधिकृत कर दिया। विधि मंत्री घनश्याम तिवाड़ी व संसदीय कार्यमंत्री राजेंद्र राठौड़ ने पत्रकारों को बताया कि सत्र में सरकार इस संबंध में एक विधेयक लाएगी। विधेयक में राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद आरक्षण प्रस्ताव लागू हो जाएंगे। राठौड़ ने बताया कि विशेष श्रेणी में गुर्जरों सहित पांच जातियों को आरक्षण का लाभ राज्य की सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थाओं, पंचायती राज संस्थाओं व स्थानीय निकायों के निर्वाचित पदों पर मिलेगा। विधेयक लाने से पहले सामाजिक संगठनों की राय ली जाएगी।

समझौते के अनुसार राज्य सरकार केंद्र से 3 दिसंबर, 99 व 23 जनवरी, 08 को प्राप्त पत्र का जवाब भेजेगी जिसके प्रारूप पर दोनों पक्षों में सहमति हो गई है। प्रारूप को उजागर नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो यह जवाब मंत्रिमंडल की सिफारिश के बगैर जाएगा जो जजा आरक्षण के मामले में संवैधानिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं करेगा। केंद्र के 3 दिसंबर, 99 व 23 जनवरी, 08 के पत्र में गुर्जरों सहित विभिन्न जातियों की सामाजिक, आर्थिक स्थिति की जानकारी मांगी गई थी।

Jagran

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