बजट अध्ययन केंद्र राजस्थान (बार्क) के मुताबिक राज्य में केंद्र प्रायोजित स्वजलधारा योजना फ्लाप साबित रही है। बार्क के वरिष्ठ बजट विश्लेषक सुब्रतो दत्ता और नगेंद्र सिंह खंगारोत ने बताया कि इस योजना के तहत केंद्र से आ रहे पैसे का एक भी गांव में सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। बार्क के अध्ययन का हवाला देते हुए दत्ता ने कहा कि प्रदेश में स्वजलधारा योजना के तहत 2,486 योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 1660 योजनाएं अधूरी पड़ी है। राज्य सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए नगेंद्र सिंह ने कहा कि प्रस्ताव तैयार करने में ग्राम पंचायतों के स्थानीय प्रतिनिधियों, महिलाओं, लोकल नॉलेज बैंक की सहायता नहीं लेने के कारण इस योजना के तहत मंजूर 84 प्रतिशत प्रोजेक्ट अधूरे पड़े है। योजना में 10 फीसदी राशि ग्राम पंचायत और 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार वहन करती है।
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