मुख्य शोधकर्ता हेराल्ड डोबनिंग के मुताबिक विटामिन डी मृत्यु दर को प्रभावित करता है। विटामिन डी सूर्य की रोशनी के अलावा दूध और सालमन मछली में भी बहुतायत में पाया जाता है। शरीर में विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में आर्थराइटिस की बीमारी हो सकती है।
1997 से लेकर 2000 तक किए गए अध्ययन में औसतन 62 साल की उम्र के 3200 लोगों के हृदय की जांच की गई। अध्ययन में शामिल उन एक चौथाई लोगों में मृत्यु की आशंका अधिक पाई गई जिनके रक्त में विटामिन डी का स्तर कम था। डाक्टर डोबनिंग के अनुसार उन लोगों में मृत्यु का जोखिम दोगुना पाया गया, जिनमें विटामिन डी की मात्रा 5 से 10 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर ही थी। चिकित्सकों की राय में व्यक्ति के रक्त में विटामिन डी की 20 से 30 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर मात्रा आवश्यक बताई गई है।
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